दोस्तों डू वी रियली नीड फुल फ्रेम सेंसर कैमरा या फिर एपीएससी कैमरा हमारे लिए इनफ है और अगर इनफ है तो मेजर्ली डिफरेंस क्या होता है। एक फुल फ्रेम सेंसर में और एक एपीएसी सेंसर में क्या क्वालिटी में डिफरेंस आता है। क्या फर्क है। क्योंकि बहुत सारे प्रोफेशनल्स हैं जो फुल फ्रेम यूज़ करते हैं और बहुत सारे जो दूसरे कई और प्रोफेशनल्स हैं वह कई लोग एपीएससी भी यूज़ करते हैं तो बेसिकली डिफरेंस क्या है?
Full Frame Vs APS-C Sensor में फर्क क्या है?
इन टर्म्स ऑफ इमेज क्वालिटी सेंसर साइज वगैरह वगैरह और उसके बाद मैं आपको पूरा कंक्लूजन दूंगा अपना, कि किस तरह से दोनों कैमरा के अंदर आपको क्या-क्या एडवांटेजेस मिल रहे हैं और क्या-क्या डिसएडवांटेजेस हैं। जिससे आपको अपना सही कैमरा चुनने में काफी हेल्प मिलेगी।
1 सेंसर साइज:
सबसे पहले मैं बात करूंगा पॉइंट नंबर वन वो है दोस्तों सेंसर साइज तो स्टार्ट करते हैं हम थोड़े कैमरा बेसिक से अब देखिए जो कैमरा के अंदर सेंसर्स हैं दो-तीन प्रकार के होते हैं। लेकिन आज मैं बात कर रहा हूं एपीएससी वर्सेस फुल फ्रेम सेंसर की,जो फुल फ्रेम सेंसर होता है उसका साइज थोड़ा बड़ा होता है एज कंपेयर टू एपीएससी सेंसर। अब साइज बड़ा होने से मतलब क्या है, जैसे कि नेगेटिव वाले कैमरा पे शूट करते थे तो वो जो नेगेटिव आता था। उसका साइज होता था 36/2 MM का, सेम उस नेगेटिव साइज का ही यह सेंसर इन कैमरा के अंदर डेवलप किया गया जब डिजिटल फोटोग्राफी आ गई।
तो उसको हम बेसिकली साधारण भाषा में कहते हैं हम एक फुल फ्रेम सेंसर बॉडी। यानी कि साइज यहां पे आपको काफी बड़ा मिल जाता है। दूसरी तरफ दोस्तों ये fuji xs2 है। इसमें जो सेंसर का साइज है वो कुछ है 22 mm / 15 mm का यानी कि फुल फ्रेम से थोड़ा सा अगर हम इसको कट कर दें तो छोटा साइज का हो जाता है।
तो आपको एक बेसिक समझना जरूरी है कि अगर एपीसी सेंसर की बात हो रही है तो सेंसर का साइज थोड़ा छोटा है और फुल फ्रेम सेंसर की बात हो रही है तो वहां पर सेंसर का साइज थोड़ा सा लार्ज है।
2 इमेज क्वालिटी:
अब बहुत सारे लोगों को कंफ्यूजन होता है क्या एपीएसी सेंसर में इमेज क्वालिटी खराब मिलती है या फुल फ्रेम में ज्यादा बेटर मिलती है। तो दोस्तों ऐसा कुछ नहीं है टेक्निकल चीज समझने की जरूरत हैं क्योंकि सेंसर का साइज फुल फ्रेम में थोड़ा सा बड़ा होता है तो थोड़ी लाइट वो ज्यादा कैप्चर करता है। और जो नॉइजिंग बट लो लाइट कंडीशन के अंदर कई बार क्या होता है कि जो एपीएसी सेंसर वाले कैमरा होते हैं वो थोड़ा सा नॉइजिंग कंडीशन में शूट कर रहे हो तो वहां पर ये दोनों कैमरा ही आपको बेहतरीन इमेज क्वालिटी देंगे।
3 डेप्थ ऑफ फील्ड:
अब देखिए क्या होता है कि अगर आपके पास में फुल फ्रेम सेंसर वाला कैमरा है तो वहां पर जो डेप्थ ऑफ फील्ड है। यानी कि जो बैकग्राउंड को ब्लर करना है या आपको बोके अचीव करना है। तो वो थोड़ा सा लार्ज सेंसर वाले कैमरा में आसान होता है, बिकॉज़ ड्यू टू द साइज ऑफ द सेंसर और थोड़ा सा आपको एपीएसी सेंसर में वहां पर थोड़ी सी मुश्किल आ सकती है। मुश्किल आने से मतलब है कि जो ब्लर है वो शायद उतना अच्छे से नजर ना आए जितना कि आपको फुल फ्रेम के अंदर नजर आए। जो बोके है वो उतना खूबसूरत नजर ना आए जितना कि आपको फुल फ्रेम में नजर आता है। बट द ट्रुथ इज कि अगर आपके पास में फुल फ्रेम सेंसर है तो वहां पर बोके को अचीव करना बैकग्राउंड को ब्लर करना, वो थोड़ा सा ज्यादा आसान होता है।
4 लो लाइट परफॉर्मेंस:
अगर आप बहुत सारी नाइट फोटोग्राफी करते हैं या लो लाइट कंडीशन में शूट करते हैं या इंडोर में ज्यादा शूट करते हैं। तो वहां पर फुल फ्रेम सेंसर आपके लिए बेटर है क्योंकि वहां पर यह जैसे मैंने बताया ज्यादा लाइट कैप्चर कर सकता है लेस। नॉइजिंग करता है लो लाइट के अंदर लेकिन जैसा कि मैंने आपको बताया अगर अच्छे फ्लैश गन है। आपके पास में एडिशनल लाइट्स हैं इ सारी प्रॉब्लम्स को काउंटर करने के लिए तो लो लाइट परफॉर्मेंस के अंदर जो इमेज क्वालिटी है, वो आपको एपीएससी सेंसर में भी बेहतरीन मिलेगी।
बट अगर आपके पास में फुल फ्रेम सेंसर है और आपके पास में कोई एडिशनल लाइट नहीं है तो वहां पर थोड़ा सा ये विनर हो जाता है बिकॉज़ इट कैपचर्स मोर लाइट एंड प्रोड्यूस लेस नॉइज। मैं कहना चाहूंगा अगर लो लाइट परफॉर्मेंस की बात है तो अगर आप एपीएसी सेंसर वाला कैमरा यूज़ कर रहे हैं तो अपने लिए थोड़े से एक्स्ट्रा स्ट्रोब्स है या आपके आउटडोर फ्लैशेस हैं उसमें थोड़ा सा पैसा इन्वेस्ट करिए आप इस प्रॉब्लम को काउंटर कर पाओगे इमेज क्वालिटी आपको लगभग दोनों में अच्छी ही मिलेगी या कह सकते हैं कि बराबर ही मिलेगी।
5 क्रोप फैक्टर:
अभी क्रोप फैक्टर क्या होता है कि जनरली एपीएससी के जो कैमरा होते हैं या एपीएसी सेंसर वाले जो कैमरा होते हैं। वहां पर आपको जनरली क्रोप फैक्टर जो करीब 1.5 टू 1.6 x का मिलता है। थोड़ा सा सरल भाषा में समझाने की कोशिश करता हूं मान लीजिए अगर मैं एपीएसी सेंसर पे अगर 50 mm का लेंस मैंने लगाया है तो अगर आप उसको व बाय 1 बा 1 1.5x से मल्टीप्लाई करेंगे। 1.6 से तो लगभग जो है 85 mm की फोकल लेंथ देगा।
यानी कि 50 mm का लेंस जो है यहां पर आपको 85 mm की फोकल लेंथ दे रहा है। तो ये एक तरह का एडवांटेज भी है टेली फोटो में कि आपको डेप्थ ऑफ फील्ड अच्छी मिलेगी। आप बैकग्राउंड को अच्छे से ब्लर कर पाएंगे और आपको जो फोकल लेंथ है वो आपको बेहतरीन मिल रही है।
बट एट द सेम टाइम अगर आप वाइड एंगल ज़ूम यूज़ कर रहे हैं मान लीजिए 17 टू 28mm का लेंस यूज़ कर रहे हैं तो आप मल्टीप्लाई करेंगे तो वो 17 mm जो है लगभग 28 या 30 mm के आसपास आपको बैठती है। तो वहां थोड़ा सा क्वालिटी का लॉस होता है।
तो दोनों सिनेरियो है सो ओवरऑल कहने का मतलब यह है कि जो क्रोप सेंसर वाले कैमरा है वहां पर थोड़ा सा फोकल लेंथ है वो वैरी करने लगती है। बट एक तरह का एडवांटेज भी है और डिसएडवांटेज भी है जबकि फुल फ्रेम के अंदर जो है अगर आप 50 mm का लेंस यूज़ कर रहे हैं तो वो 50 mm की ही फोकल लेंथ देगा।
6 पोर्टेबिलिटी एंड Price :
पोर्टेबिलिटी एंड कॉस्ट से मेरा क्या मतलब है एपीएससी सेंसर वाले जो कैमरा हैं। वो थोड़े से साइज में छोटे होते हैं वेट में थोड़े से लाइट होते हैं। अगर आप ट्रेवलिंग कर रहे हैं ट्रेवल फोटोग्राफी करते हैं, स्ट्रीट फोटोग्राफी करते हैं,तो इसको कैरी करना बहुत ही आसान होता है। बात करें अगर इसकी कॉस्ट की तो इसकी जो कॉस्ट है वो भी फुल फ्रेम कैमरा से कहीं कम होती है। और जो डिफरेंस होता है उसमें आप अच्छे लेंसेशन वाले कैमरा के लिए ले सकते हैं.
वहीं पर अगर हम बात करें एक फुल फ्रेम सेंसर वाले कैमरा की तो यहां पर जो इसकी टोटल जो इसका अगर आप फिजिकल डिजाइन देखोगे तो थोड़ा सा बल्की होता है। थोड़ा सा वेट में भारी भी होगा एंड इट्स नॉट वेरी इजी टू कैरी यहां पर आपको जो लेंसेज है वो थोड़ा सा यहां पर डिफिकल्ट होता है।
7 लेंस कंपैटिबिलिटी:
अब देखिए लेंस कंपैटिबिलिटी से क्या मतलब है जो एपीएससी सेंसर वाले कैमरा होते हैं वहां पर लेंसेज पेंसिव होते हैं यानी कि इतने महंगे नहीं होते हैं। और आपको इमेज क्वालिटी है,वो बहुत ही बेहतरीन मिलती है। कम पैसे में आपको बेहतरीन इमेज क्वालिटी मिलती है।
एट द सेम टाइम अगर आप फुल फ्रेम सेंसर्स काफी एक्सपेंसिव होते हैं,बिकॉज ऑफ देयर ऑप्टिकल डिजाइन बिकॉज़ ऑफ देयर परफॉर्मेंस तो ओवरऑल अगर हम देखेंगे तो एपीसी सेंसर वाले कैमरा खरीदने में थोड़ी सी समझदारी है। क्योंकि आपको ना केवल अच्छे कैमरा मिल जाते हैं बल्कि आपको लेंसेक्स भी जो है एपीएससी सेंसर में काफी ज्यादा मिलेगा। फुल फ्रेम का अगर बजट है तो वहां पर फिर आपको थोड़ा एक कैमरा के अलावा आपको लेंसेश के लिए तैयार रहना चाहिए, आपका अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट होने वाला है।
8 आइडियल यूजर्स:
जो फुल फ्रेम सेंसर वाले कैमरा होते हैं वो ज्यादातर प्रोफेशनल्स प्रेफर करते हैं। अपने कमर्शियल असाइनमेंट्स के लिए वो अपने अप्रोफेशनल काम के लिए सेंसर लार्ज सेंसर वाले कैमरा को प्रेफर करते हैं। वहां पर वो अच्छा खासा इन्वेस्ट करते हैं, अपने पूरे इकोसिस्टम में क्योंकि वो उनकी रोजी रोटी से जुड़ा होता है। क्योंकि दे जस्ट नीड द बेस्ट क्वालिटी ऑफ वर्क वर्सल चाहिए होती है। अपने काम में और हर चीज में वो परफेक्शन खोजते हैं।
तो अगर आप देखेंगे फुल फ्रेम सेंसर वाले कैमरा है वो ज्यादातर प्रोफेशनल आपको यूज करते हुए दिखा दिखाई देंगे बट एट द सेम टाइम जो एपीएससी सेंसर वाले कैमरा हैं वो हॉबिस्ट लोग बहुत सारे यूज़ करते हैं। काफी सारे ट्रेवल फोटोग्राफर हैं उनको एपीएससी कैमरा थोड़ा ज्यादा अच्छा लगता है। क्योंकि इजी टू कैरी है, इजी टू ऑपरेट है, ऑन लोकेशन काफी सारे जो ब्लॉगर्स हैं, कंटेंट क्रिएटर्स हैं, वो लोग ज्यादातर एपीएससी सेंसर वाले कैमरा यूज करते हैं।
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काफी सारे जो बिगिनर्स हैं या हम कह सकते हैं कि एमेच्योर्स भी हैं, जो लोग अभी अपना नया बिजनेस शुरू कर रहे हैं। दे डोंट वांट टू स्पेंड मोर मनी ऑन द इकोसिस्टम तो वो लोग भी एपीसी सेंसर कैमरा के अंदर अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं। तो ये चीज आप थोड़ा सा समझ लीजिए और बहुत सारे लोग जो हैं जो पोर्टेबिलिटी और जो कॉस्ट के अंदर एक सही बैलेंस ढूंढते हैं।
निष्कर्ष :
तो बस ये बेसिस जान लीजिए ये आठ पॉइंट है,और ये आठ पॉइंट को मैंने बहुत ही सिंपल लैंग्वेज में विदाउट साइंटिफिक वर्ड यूज़ किया आपको थोड़ा सा समझाने की कोशिश की है ताकि आपको ये समझ में आ जाए कि भाई मेरे लिए कौन सा कैमरा अभी बेटर रहेगा फुल फ्रेम वाला या एपीएसी सेंसर वाला कैमरा दोनों ही अच्छे होते हैं फोटोग्राफी आपको अच्छी करनी आनी चाहिए आज के लिए इतना ही जल्दी मिलते हैं फिर नए आर्टिकल के साथ।
आशा करते है यह आर्टिकल आपके जानकारी मे मदद करेगा! अगर आपके पास कोई अन्य सवाल है तो मुझे कमेन्ट करके बताएं। हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। जय हिंद ।